अजब चिराग हूँ मैं


Bujha De Mujhe - Amit Vishwas




अजब चिराग हूँ मैं ,

खुदा ने रखा तो भी उस मुंडेर पर,
जहां मेरी रौशनी की किसी को चाह नही ।

ये हवा के झोंखे नचाती तो बहुत है,
लेकिन चैन से रहने मुझे देती ही नहीं ।

तन्हा जलते सहते थक चुका हूँ मैं,

खुदा इन हवाओ से कह दे, बुझा दे मुझे !
Previous
Next Post »