
गूगल अपना 18 वा जन्म दिन मना रहा है। जितनी सफलता गूगल ने हासिल की है उतनी सफलता शायद ही किसी को मिली होगी। गूगल एक समुद्र की तरह है जिसमे जब भी गोता लगाओगे तब कुछ नया तब कुछ ख़ास पाओगे। सोचो अगर आप किसी चीज़ को यूँ ही बस शुरू कर दो और वो धीरे-धीरे परम्परा बन जाए और उसके बाद धर्म तो?
दरअसल गूगल की शुरुआत भी कुछ ऐसी ही हुई थी। किसी ने नहीं सोचा था कि एक दिन गूगल दुनियाभर में तहलका मचा देगा मगर आज गूगल के बिना कल्पना करना भी मुश्किल है। अब तो कोई गूगल के पहले की बात करता है तो ऐसा लगता है जैसे कोई ईसा के जन्म से पहले की बात कर रहा हो।
जितना प्यारा इसका नाम है उतना ही प्यारा इसका अर्थ भी है, जानते हैं यह है क्या?
यह है गूगल के पिता लैरी पेज़ तथा सर्गेई ब्रिन

गूगल की शुरुआत 1996 में महज़ एक रिसर्च प्रोग्राम के दौरान हुई थी जिसे बनाया था लैरी पेज़ और सर्गेई ब्रिन ने। उस वक्त लैरी और सर्गे कैलीफोर्निया युनिवर्सिटी में पीएचडी कर रहे थे।
पहले सर्च इंजन का रिजल्ट पेज़ की प्रॉयरिटी पर निर्भर करता था

उस समय सर्च इंजन का रिजल्ट पेज़ की प्रॉयरिटी पर निर्भर करता था, जो वेब-पेज पर सर्च-टर्म की गणना से तय करते थे। लेकिन लैरी और सर्गेई के अनुसार एक अच्छा सर्च सिस्टम वह होगा जो वेबपेजों के संबंध में पूरी जानकारी दे। इस नए तकनीक को उन्होनें पेजरैंक (PageRank) का नाम दिया। इस तकनीक में किसी वेबसाइट की प्रासंगिकता/योग्यता का अनुमान, वेबपेजों की गिनती, तथा उन पेजों की प्रतिष्ठा, जो आरम्भिक वेबसाइट को लिंक करते हैं के आधार पर लगाया जाता है।
लैरी और सर्गेई के पहले रॉबिन ली ने बनाया था सर्च इंजन

1996 में आईडीडी इन्फॉर्मेशन सर्विसेस के रॉबिन ली ने “रैंकडेक्स” नामक एक छोटा सर्च इंजन बनाया था। जो इसी तकनीक पर काम कर रहा था। रैंकडेक्स की तकनीक को ली ने पेटेंट करवा लिया और बाद में इसी तकनीक पर उन्होंने बायडु नामक कम्पनी की चीन में स्थापना की।
शुरूआती दिनों में गूगल को "बैकरब" नाम दिया था
लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन ने शुरुआत में अपने सर्च इंजन का नाम “बैकरब” रखा था। क्योंकि यह सर्च इंजन पिछली कड़ियाँ (backlinks) के आधार पर किसी साइट की प्रायोरिटी तय करता था।
गूगल इंग्लिश के 'गुगोल' का गलत उच्चारण है
आख़िरकार पेज और ब्रिन ने अपने सर्च इंजन का नाम गूगल (Google) रखा। दरअसल गूगल अंग्रेज़ी के शब्द “गूगोल” की गलत वर्तनी है, जिसका मतलब होता है वह नंबर जिसमें एक के बाद सौ शून्य हों।
क्यों रखा यह नाम?
गूगल का नाम इस बात को दर्शाता है कि कम्पनी का सर्च इंजन लोगों के लिए बड़े पैमाने पर जानकारी उपलब्ध कराने के लिए कार्यरत है।
गूगल ने अपना डोमेन 15 सितम्बर 1997 को रजिस्टर करवाया

अपने शुरुआती दिनों में गूगल स्टैनफौर्ड विश्वविद्यालय की वेबसाइट के अधीन google.stanford.edu नामक डोमेन से चला। गूगल ने अपना पर्सनल डोमेन नाम 15 सितंबर 1997 को रजिस्टर्ड करवाया। सितम्बर 4, 1998 को इसे एक निजी-आयोजित कम्पनी में निगमित किया गया।
तो अब अगर आप इसका मतलब जान गए हो तो अपने उस दोस्त के साथ शेअर करो जिन्हें इसका मतलब नहीं पता है।
Courtesy - Uc Headlines